The temple is located in Karsog town in Mandi district of Himachal. It's an old temple with interesting architecture. Shiva, Parvati, and all Rudras are here, in one temple.
This is the most famous Shiva temple in Karsog valley and town. Though the town is densely populated the ancient temple is situated in the less populated suburban area. Stone and wood built temple is situated on a high platform and has arched rood made of squire slates. Most interesting things to see here are a musical instrument believed to have played by Pandavas of Mahabharata and an ancient grain of 200grams! Near by Kamakshi temple is also worth visiting in Karsog for its unique architecture and exquisite wood carvings in outer walls.
हिमाचल प्रदेश की घाटियां यहां आनेवाले टूरिस्ट की पहली पसंद है। वे यहां की पहाड़ियों में नेचर का जमकर लुत्फ उठाते हैं, लेकिन यहां की करसोग घाटी मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। शिमला से 100 किमी की दूरी पर करसोग घाटी में ममलेश्वर मंदिर है। लोगों की मान्यता है कि यहां 5 हजार साल पहले पांडवों ने समय बिताया था। महाभारत काल से जल रहा है अग्निकुंड...
- ममलेश्वर मंदिर में एक अग्निकुंड है, जो हमेशा जलता रहता है। मान्यता है कि 5 हजार साल पहले पांडवों ने इस अग्निकुंड को जलाया था और तब से यह जल रहा है।
- यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि अज्ञातवास के दौरान पूजा करने के लिए पांडवों ने इस अग्निकुंड को बनवाया था।
- कहा जाता है कि सावन के महीने में यहां पार्वती और शिव कमल पर बैठकर मंदिर में मौजूद रहते हैं।
5 हजार साल पुराना गेहूं का दाना
- कहा जाता है कि ममलेश्वर मंदिर में 5 हजार साल पुराना गेहूं का दाना है, जिसका वजन 250 ग्राम है।
- मान्यता है कि इसे पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान खाने के लिए उगाया था।
- ममलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए पांच शिवलिंग का एक साथ मौजूद होना भी इस मंदिर को खास बनाता है।
- कई साल पहले मंदिर के पास कई शिवलिंग, शिव और विष्णु भगवान की मूर्तियां भी मिली थी।
मंदिर में रखा है भीम का ढोल
- ममलेश्वर मंदिर में एक बड़ा ढोल भी रखा गया है। लोगों का कहना है कि अज्ञातवास के दौरान भीम ने इसे बनवाया था।
- भीम खाली समय के दौरान इस ढोल को बजाया करते थे और वहां से जाते समय उन्होंने ये ढोल मंदिर में रख दिया था।
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